हारकर बेरहम दुनियाके
हारकर बेरहम दुनियाके मेलेमें पहलुँमें तुम्हारे आ गये,
जला लिये दिप यादोंके जब भी जुदा आपसे हो गये.
मिटाने जलन जुदायीकी पेंच मुलायम जुल्फोंके लपेट लिये,
गुम हुये तुम्हारें ज़ुल्फ़ोंकी वादियोंमें रास्ते प्यारके ढुँढते हुये.
बहाँने अश्क़ जिंदगीके गमोंके दामन तुम्हारा थाम लिये,
भला दिये अपने अक्सको भी जबसे रुबरु आपसे हो गये.
बुझाने सदियोंकी प्यास आँखोंके झीलमें तुम्हारे डुब गयें,
कबुल किया जो प्यार तुमने तो इबादत तुम्हारी करने लगे.
हटाने बादल तनहायीके साँसे आपकी उधार ले लिये,
भीडमे अपनोंकीभी बस तुम्हीको सिर्फ़ पहचान सकें.
सजाने सपने आपकें सुहाने निंदसेभी दुश्मनी मोल लिये,
सारा जहाँ सो गया और हम जुगनुओंसे गप्पे लड़ाते रहे.
प्रसाद कर्पे
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